
संदीप मौर्य ✍️
कटनी/तेवरी। ग्राम पंचायतों में आवारा व घुमंतू पशुओं की सुरक्षा के लिए गठित हाका गैंग केवल कागज़ों में सक्रिय दिखाई दे रहा है। ताजा मामला ग्राम पंचायत तेवरी का सामने आया है, जहां एनएच-30 पर कॉकटेल ढाबे के सामने किसी अज्ञात वाहन ने दो गौवंशों को टक्कर मार दी। हादसे में एक पशु की मौके पर मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल होकर सड़क किनारे घंटों तड़पता रहा।
सूत्रों के अनुसार, सुबह पंचायत के हाका गैंग के कर्मी पहुंचे और मृत पशु को गड्ढे में फेंक दिया, लेकिन घायल पशु को बिना उपचार के तड़पता छोड़कर चले गए। यह स्थिति प्रशासनिक निर्देशों और पंचायत की जिम्मेदारियों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री दिलीप कुमार यादव ने पहले ही आदेश जारी करते हुए स्पष्ट कहा था कि नेशनल हाईवे और अन्य व्यस्त मार्गों पर आवारा पशुओं का विचरण मानव जीवन, लोक संपत्ति और स्वयं पशुओं की सुरक्षा के लिए खतरा है। ऐसे में किसी भी पशुपालक द्वारा मवेशियों को सड़कों पर छोड़ने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया है कि पंचायतें और नगरीय निकाय पशुपालकों को जागरूक करने हेतु मुनादी कराएं, वैकल्पिक गौशाला और चारे-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही सड़क निर्माण विभाग को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वे सतत पेट्रोलिंग कर गौवंशों को सड़कों पर आने से रोकें और दुर्घटना होने पर मृत पशुओं का तत्काल निस्तारण करें।
बावजूद इसके, ज़मीनी हालात यह दर्शा रहे हैं कि ग्राम पंचायतें हाका गैंग के गठन और भुगतान के बावजूद आवारा पशुओं की समुचित देखभाल करने में असफल साबित हो रही हैं। यह केवल प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना ही नहीं, बल्कि मूक पशुओं के साथ अमानवीय व्यवहार भी है।