हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत 12 अगस्त 2025 को किया जा रहा है। महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए कजरी तीज पर निर्जला व्रत करती हैं। वहीं इस मौके पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से जीवन से सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

वहीं इस व्रत के प्रभाव से पति की अच्छी सेहत, संतान प्राप्ति, धन लाभ और मनचाहा जीवनसाथी पाने के योग भी बनते हैं। इस बार कजरी तीज के मौके पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। तो आइए जानते हैं कजरी तीज व्रत पर पूजा का मुहू्र्त और पूजन विधि के बारे में… 

तिथि और मुहूर्त

हिंदू पंचांग के मुताबिक 11 अगस्त की सुबह 10:33 मिनट पर भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि की शुरूआत हो रही है। वहीं आज यानी की 12 अगस्त 2025 की सुबह 08:40 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से 12 अगस्त 2025 को कजरी तीज का व्रत किया जाएगा।

पूजन विधि

इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि करने लाल या पीले वस्त्र पहनें। फिर हाथ में जल लेकर भगवान शिव और मां पार्वती का स्मरण करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। भगवान शिव को धतूरा, बेलपत्र, भस्म और सफेद पुष्प अर्पित करें। वहीं मां पार्वती को मेहंदी, कुमकुम, सिंदूर, चूड़ी, बिंदी और अन्य सुहाग का सामान अर्पित करें।

भगवान शिव और मां पार्वती के समक्ष धूप-दीप जलाकर मंत्रों का जाप करें और आरती करें। इसके बाद कजरी तीज व्रत कथा का पाठ करें और पूरे दिन उपवास करें। रात में चंद्रमा के उदय होने पर चंद्र दर्शन करें और अर्घ्य अर्पित करें। अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करें और फिर भोजन ग्रहण करें।